आज में आपको मेरे द्वारा लिखा कुछ रचना दिखाना चाहता हू आप मेरे द्वारा लिखी हुई रचना को निचे पढ़ सकते है मेरा नाम कविंदर कुमार पूनिया है और मुझे लिखना बहुत पसंद है इस blog पर जो भी रचना है वो सिर्फ मेरे द्वारा लिखी गई है
हो रहा हु पागल सा तुझको कैसे बताऊ
तेरे मोहब्बत में दिल को समझाऊ
वो ना आने वाली है
जो गई
वो अब ना चाहने वाली है
जिंदगी मेरी टूटी पेड़ की सी डाली है
मायूसी है
खाली है
वो तो जाली है
कभी तो मन में आये दे दु गाली
पर वो मेरी मोहब्बत को ठुकराने वाली है
चलो छोड़ो जाने भी दो
वो बेवफा है उसको मेरी बातो में ना आने दो
कोई मील उससे उस जैसा तो
पता चलेगा क्या फर्क उसे मेरा दर्द दिखाने को
दर्द में दर्द है वो दिल में जैसे मेरा फर्ज है
कर्ज है यादे उसकी बीमारी मेरी का मर्ज है
यादे उसकी कैसे भुलाऊँ कोई तो बात दे
दवा दे या दुआ दे बस इस दिल में है लगी आग को
भुजा दे
खुदा मुझे भी दिला दे
जन्नत ना सही जहनुम में जगहा दे
इस दुनिया से बस बुला ले
वो बेवफा समझेगी जब दर्द मेरा
कहे तुझे की मुझे भी अपने पास बुला ले
चल उठा ले
अब जाके मेरी मोहब्बत को समझी है
उसको न इतनी सजा दे
खुदा जख्म दे मुझे
उसकी खुशियो को उससे मिला दे
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