आज में आपको यहाँ राजस्थानी भाषा rajasthani poem in hindi, poem on rajasthani culture in hindi, poem on rajasthani culture, rajasthani poem on love सुनाने जा रहा हु कुछ गलती हो तो छोटा भाई समझ कर माफ़ कर देना
में अकेलो रहगो ई जमाने में
कन कोचिंग मै यारी घाल ली
कन फसबूक पर छोरी कर तैयार ली
कईया को तो इंस्टा पर चक्र चाले है
मेरे हु तो कोई छोरी बोल्जा तो डर सो लागे है
कोई प्यारी आँखा हु
देख ले
तो लागे दिलमे घर सो घाले है
गरीबा को तो बिना महसुक ही चाले है
ना फिक्र है
ना कोई रोनो
की हु पुछनो
रोटी खा ली के
ओर good नाईट कहर सोनो
देखी जाएगी जो भी होणो है
घरका तो करा ही देसी न व्याह मेरो
मेरे हु तो की कोणी होणो है
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