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Maa Papa - Hindi Kavita, Shayari, Poetry, Poem


बचपन में कितना किया वो तो तुम्हे याद नही
रखा तुम्हे पहले उन्होंने बाकी सब बाद ही
अब जवानी के नशे में तुम तो याद ही नही करते
हो ना कोई काम तो बात ही नही करते
उनकी बातों का मान ही नही करते
हुस्न के चक्र में पैसों को बर्बाद करते हों
कभी कमाया नही एक पैसा और लाखों की बात करते हो
माँ ने किया इंतजार रात भर उसका तो ख्याल नही
लड़की के पीछे कितनी राते खराब करते हो
जनाब आप कमाल करते हो
प्यार में सब कर गुजर जाने को तैयार रहते हो
रहती है माँ पास में उससे तो अच्छे से बात तक ना करते हो
अब माँ बाप बूढ़े हो गए
बनाया था कितने चाव से घर उन्होंने 
उसी के किसी कोने में रहने लगे
बचपन मे किये तुम्हारे चाव पूरे
जवानी में ख्वाहिश पूरी करते रहे
अपना जीवन कुर्बान किया तुम पर
तुमने क्या किया है मेरे लिए तुम बस ये बात करते रहे
वो ना बोले कुछ बस तुम्हे खोने से डरते रहे
पी लिया ठंडा पानी रात को तुम्हे तो जगाया नही
बचपन मे तुम्हे रातो को गर्म कर दूध पिलाते रहे
रखी ना फरमाईस कभी कोई 
तुम्हारी फरमाइश के लिए लोन लेते रहे
उन्होंने गिनाना नही सीखा
तुमने बनवाया एक चश्मा ओर उसको ही रोज गिनाते रहे
मत जाते तुम गंगा मरने पर
उनके जीते जी दर्द की बात बतलाते
अब पंडित को खिलते हो खाना
काश उन्हें खाने को पास बिठाते
वख्त किसी का भी रुका ही नही
गुजरने तो दो तुम भी उसी परिस्तिथि में आ रहे हो

मैने आप को कुछ अपनी लिखी बातें दिखाई है अगर कुछ गलती हो तो अपना छोटा भाई समझ कर माफ कर देना और आप अपने दोस्तों के साथ इसे जरूर शेयर करे
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